कभी ओंस की नमी है अहसास ,
तो कभी तारों भरी रात है अहसास,
फूलों का बिछोना कभी,
तो कभी काँटों का हार है अहसास।
कभी प्यार भरा स्पर्श है अहसास,
तो कभी कड़वाहट भरी झड़प है अहसास,
प्रेमी का प्रेम कभी,
तो कभी माँ की डांट है अहसास।
तो कभी तारों भरी रात है अहसास,
फूलों का बिछोना कभी,
तो कभी काँटों का हार है अहसास।
कभी प्यार भरा स्पर्श है अहसास,
तो कभी कड़वाहट भरी झड़प है अहसास,
प्रेमी का प्रेम कभी,
तो कभी माँ की डांट है अहसास।
कभी सपनों का संसार,
तो कभी हक़ीकत की चुभन है अहसास,
कभी आशा की किरण,
तो कभी निराशा भरी साँझ है अहसास।
तो कभी हक़ीकत की चुभन है अहसास,
कभी आशा की किरण,
तो कभी निराशा भरी साँझ है अहसास।
पल पल का इम्तिहाँ ही है, आगे बढ़ने का अहसास,
जिंदगी खुद है हर क्षण एक नया अहसास,
और भूल जाना किसी के लिए खुद को,
कराता है सचमुच जीने का अहसास,
जिन्दा होने का अहसास।
जिंदगी खुद है हर क्षण एक नया अहसास,
और भूल जाना किसी के लिए खुद को,
कराता है सचमुच जीने का अहसास,
जिन्दा होने का अहसास।
6 comments:
Bahut hi pyaara hai ye ehsaas...
Bahut hi meetha laga padhke poet ji :)
keep going!
hey its cool you u write what u feel!
keep it up
awesome one.....keep it up!!
hey thanks
lovely...
lovely poems.
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