NIRUPANN
Way of Expression
Waqt aur Ishq
जिस दिन वक्त ने चाल मांगी थी
मोहब्बत ने जंग छेड़ी थी
एक लम्हा लम्हा बढ़ने को तैयार था
दूजा एक पल में थमने को बेक़रार था
जाने क्या फतह किसकी हुई
न वक़्त ने रुकना स़ीखा
और न इश्क ने झुकना
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